प्रभावी संचार की विशेषताएं - Features of effective communication
प्रभावी संचार की विशेषताएं - Features of effective communication
• संचार का उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए |
• संचार की भाषा बोधगम्य, सरल व आसानी से समझ में आने वाली होनी चाहिये
संचार यथा सम्भव स्पष्ट एवं सभी आवश्यक बातों से होना चाहिए ।
• संचार प्राप्तकर्ता की प्रत्याशा के अनुरूप होने चाहिए । संचार यथासमय अर्थात् सही समय पर होना चाहिये ।
• संचार करने के पूर्व सम्बन्धित विषय में पूर्ण जानकारी का ज्ञान होना आवश्यक है ।
• संचार करने से पूर्व परस्पर विश्वास स्थापित करना आवश्यक है ।
• संचार में लोचशीलता होनी चाहिये अर्थात् आवश्यकतानुसार उसमें परिवर्तन किया जा सके ।
• संचार को प्रभावी बनाने के लिये उदाहरणों तथा श्रव्य दृश्य साधनों का प्रयोग किया जाना चाहिए ।
• विलम्बकारी प्रवृत्तियों अथवा प्रतिक्रियाओं को व्यवहार में नहीं लाना चाहिए । ' संचार सन्देशों की एक निरन्तर श्रृंखला होनी चाहिये
• एक मार्गीगीय संचार की अपेक्षा द्विमार्गीय संचार श्रेष्ठ होता है । • सन्देश प्रेषित करते समय ऐसा प्रयास किया जाना चाहिये कि सामाजिक एवं सांस्कृतिक विश्वासों पर किसी प्रकार का कुठाराघात न हो ।
• संचार हमेशा लाभप्रद होना चाहिये क्योकि मनुष्य का स्वभाव है कि किसी भी बात में लाभप्रद सम्भावनाओं को देखता है ।
• संचार में प्रयोग की जाने वाली विधियाँ या कार्य खर्चीले नही होने चाहिये अर्थात मितव्यियता के सिद्धान्त का पालन करना चाहिए ।
• संचार में विभाज्यता का गुण होना चाहिये क्योंकि प्रेषित सुन्देश का उद्देश्य पूरे समुदाय या वर्ग के कल्याण में निहित होता है ।
• संचार बहुहितकारी होना चाहिये अर्थात बहुजन हिताय बहुजन सुखाय की भावना होनी चाहिये।
संचार की अवधारणा, अर्थ, परिभाषा तथा विशेषताओं के अतिरिक्त संचार की प्रक्रिया, संचार नेटवर्क, संचार के कारक तथा संचार के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। इसी इकाई में संचार के चरणों, ढंगों तथा तत्व के विषय में जानकारी प्रदान की गयी है। इस इकाई में संचार किस प्रकार से कार्य करता है तथा उसकी क्या उपयोगिता है, को समझाया गया है। समाज कार्य में संचार का महत्व और बढ़ जाता क्योकि समाज कार्यकर्ता को प्रभावी सम्प्रेषण के लिए संचार का ज्ञान होना परमावश्यक है |
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