संयुक्त अमेरिका में समाज कार्य का इतिहास - History of Social Work in the United States

संयुक्त अमेरिका में समाज कार्य का इतिहास - History of Social Work in the United States

संयुक्त अमेरिका में समाज कार्य का इतिहास - History of Social Work in the United States

अमेरिका में विभिन्न युगों में निर्बल एवं शोषित वर्गोंको प्रदान की जाने वाली सहायता की प्रमुख विशेषताओं के आधार पर अमेरिका समाजकार्य की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को निर्मलखित श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है.


1. दान काल


2. स्थानीय सहायता काल 


3. राज्य सहायता काल


4. अधीक्षण, समन्वय एवं प्रशिक्षण काल


5. युवकों के साथ कार्य का काल


6. आवश्यकताग्रस्त व्यक्तियों के साथ कार्य करने एवं रहने का काल


7. सामाजिक सुरक्षा काल निर्धनता काल



दान काल


17 वीं शताब्दी के प्रारंभ से ही इंग्लैंड से आकर अमेरिका में बसने वाले लोग वहां की प्रथाओं परंपराओं एवं कानूनों को भी अपने साथ लाए। वे अपने अतीत के अनुभवों के आधार पर बेकारी गरीबी तथा कामचोरी को एक पाप और अपराध मानते थे। किंतु हर समाज की तरह अमेरिका में भी अनेक वर्ग थे। उदाहरण के लिए अनाथ, बालक, विधवाएं बीमार, निराश्रित वृद्ध, अशक्त व्यक्ति, इत्यादि। जिन्हें सहायता की आवश्यकता थी। इन लोगों की सहायता परंपराग करते हुए की जाती थी। निर्धनों के लिए चिकित्सालय खोले गए। इन चिकित्स 47/192 शारीरिक एवं मानसिक रोगों का उपचार किया जाता था। विभिन्न प्रकार के कानून में उनको सहायता के दी जाती थी जो बेघर होते थे उनके कल्याण के लिए एलिजाबेथ द्वारा ऐसे अनेक प्रकार के कानून का निर्माण किया गया.








 स्थानीय सहायता काल


स्थानीय सहायता काल में एलिजाबेथ के निर्धन कानून को अपना लिया गया और इस प्रकार निर्धनों के भरण पोषण का उत्तरदायित्व कस्बों को सौंप दिया गया। (जैसे कि न्यूयार्क में रेने सेलर्सविक में भिक्षुक गृह 1657 में स्थापित किया गया था तथा कालांतर में ऐसे भिक्षुक गृहों एवं कार्यशालाओं को कुछ उपनिवेशों के बड़े शहरों में स्थापित किया गया और इस प्रकार अकिंचनो पराश्रितों के भरण पोषण का उत्तरदायित्व कस्बों द्वारा ग्रहण किया जाता था 1823 में न्यूयार्क में जे. बी. एन. येट्स को निर्धन कानूनों की क्रियाविधि से संबंधित सूचना एकत्रित करने का उत्तरदायित्व सौंपा गया। येट्स द्वारा प्रस्तुत किए प्रतिवेदन में निर्धनों के दो वर्गों का उल्लेख किया गया. 


1) ऐसे निर्धन जिन्हें स्थायी सहायता तथा आवास की आवश्यकता है।


2) अस्थायी निर्धन, इस प्रकार के निर्धन जो एक जगह पर नहीं रहते हैं और उनके लिए भी रहने खाने और कपड़े की आवश्यकता थी जो कि अमेरिकी कस्बों द्वारा उनको दी जाती थी।


येट्स रिपोर्ट में इन तथ्यों को प्रस्तुत किया गया.


1) प्रत्येक काउंटी में एक सेवायोजन गृह की स्थापना की जाएगी, जिसमें बच्चों की शिक्षा और कृषि कार्य के लिए भूमि प्रदान की जाए। उन बच्चों के लिए स्कूल की व्यवस्था की जाएगी, ताकि उन्हें भविष्य में इस प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।


2) सशक्त निर्धनों तथा आवारा लोगों के लिए कार्यगृह उपलब्ध कराया जाए जहाँ पर जबरदस्ती कठिन काम दिया जाए और इस प्रकार उनके व्यवहार को सुधारने की कोशिश की जानी चाहिए।


3) निर्धन कल्याण के लिए धनराशि एकत्रित करने के उद्देश्य से शराब बनाने वाले कारखानों पर उत्पादन कर लगाया जाए।


4) न्यूयार्क की एक काउंटी में एक वर्ष के निवास आधार पर वैधानिक बंदोबस्त करने का 5) निष्कासन आदेशों तथा निर्धन कानूनों से संबंधित मुकदमों में दिए गए फैसलों के विरुद्ध नियम बनाया जाए।






18 से 50 वर्ष के बीच की आयु तथा स्वस्थ शरीर वाले किसी भी व्यक्ति को अकिंचन की श्रेणी में ने रखा जाए।



राज्य सहायता काल


अमेरिका में समय के साथ-साथ समाज कार्य को करने का तरीका भी बदलने लगा और इसका परिणाम यह हुआ कि यहाँ राज्य एवं केंद्र सरकार ने भी इसकी आवश्यकता को महसूस किया और अनेक प्रकार की सरकारी सहायता राष्ट्रीय स्तर पर प्रदान की जाने लगी। बोस्टन (Boston) में पहली सहायता समिति की स्थापना की गई जो लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान कराती थी। अन्य दूसरे देशों (डच, जर्मन, फ्रांस) से आने वाले लोगों के लिए भी सहायता कार्यक्रमों को भी प्रारंभ किया गया 1657 में पहला भिक्षु-गृह न्यूयार्क में खोला गया। 1817 में न्यूयोर्क में ही New York Society for the Prevention की स्थापना की गई, जिसका उद्देश्य पुनर्वास (Rehabilitation) के कार्यों में सहायता प्रदान करना था। 1832 में New York Institute for the Blinds की स्थापना की गई। 1840 में अंध व्यक्तियों के लिए कानून का निर्माण किया गया। 1675 में मैसाचुसेट्स राज्य ने भिखारियों के आवश्यक व्ययाँ के भुगतान का उत्तरदायित्व ग्रहण किया। इस उत्तर दायित्व के अधीन ऐसे व्यक्तियों को सहायता प्रदान की जाती थी, जो थोड़े समय पूर्व ही इस राज्य में आए हुए थे अथवा जिन्हें बाहर जाने की चेतावनी दी गई। थी। बाद में अन्य राज्यों ने इस उत्तरदायित्व को ग्रहण किया और इस प्रकार की सहायता धीरे धीरे अपने स्वरूप बदलती गई और एक ऐसे संस्था का निर्माण किया गया जहाँ पर समाज कार्य के बारे में ही बताया जाने लगा। 



युवकों के साथ कार्य का काल 


अमेरिका में युवाओं के साथ कार्य करने का युग उस समय प्रारंभ हुआ जब जॉर्ज विलियम द्वारा स्थापित Young men's Christian Association (YMCA) की स्थापना इंग्लैंड में हुई और इसने निरंतर युवाओं के क्षेत्र में कार्य किया। इसकी सफलता को ध्यान में रखते हुएअमेरिका में भी एस.जे.वी. सुलिबान द्वारा बोस्टन शहर में सन 1851 में Young Men's Christian Asociation की स्थापना इसी उद्देश्य के साथ की गई जिससे युवाओं के क्षेत्र में कुछ प्रगतिशील कार्यक्रम को क्रियान्वित किया में जाए। इसी तरह की एक और अन्य संस्था 1866 में बोस्टन में ही तुक्रेटिया बोयड के द्वारा Young men's Christian Association स्थापित की गई,




जिससे महिलाओं के क्षेत्र में भी प्रगतिशील कार्य हो सकें इसके लिए YMCA नामक संस्था को संचालित किया गया। इसके उपरांत अमेरिका में युवाओं के क्षेत्र में कार्य करने के लिए निरंतर नई संस्थाओं का गठन किया गया जैसे 1910 American boys Scout. 1911 esa Camfire Girls इस प्रकार से अमेरिका में युवाओं के सर्वांगीण विकास हेतु इन उपर्युक्त संस्थाओं का निर्माण और विकास किया गया।









आवश्यकताग्रस्त लोगों के साथ काम करने एंव रहने का काल 


अप्रवासी भारतीय जो अमेरिका में जाकर निवास कर रहे थे, उनकी स्थिति अत्यंत दयनीय एवं विचारणीय थी। न उनके भाषा का मेल-जोल था और न ही विचारधाराओं का मेला भिन्नभिन्न भाषा समूह के कारण उन्हें व्यक्तिगत रूप से इंगित करने की आवश्यकता थी। सर्वप्रथम कैनन सॅमुअल (Cannon Samuels) द्वारा अप्रवासी भारतीयों के उत्थान के लिए कदम उठाए इन्होंने इनकी गंदी बस्तियों आपस में पड़ोस भावना, अच्छे ढंग से जीवन-यापन करने के तौर तरीके पर विशेष ध्यान दिया। इस कार्य हेतु सैमुअल कादृष्टिकोण यह था कि इन अप्रवासी भारतीयों के बीच शिक्षित लोगों को रखा जाए ताकि जीवन शैली एवं पड़ोस भावना का विकास किया जा सके। इस व्यवस्था को सर्वप्रथम अमेरिका में स्टैन्टन क्वाइट (Stanton Cout) (Charles B. Stover) और चार्ल्स बी स्टोवर ने लागू किया। इनके द्वारा 1857 में न्यूयॉर्क शहर में पड़ोस संघ की स्थापना की गई। चूंकि यह व्यवस्था दलितों के सुधार हेतु स्थापित की गईतत्पश्चात इसने विश्वविद्यालय बंदोबस्त आवास" का रूप ले लिया। इसी तरह एक और संस्था का आरंभ किया गया जिसका नाम हल हाऊस" था। इसे शिकागो में स्थापित किया गया, जिसकी नींव जीन एडम्स (Jane Adams ) एवं एलेन गेट्स (Allen Gates) ने डाली विभिन्न देशों से अप्रवासी जिनमें इटैलियन, जर्मन, ग्रीक, पोलिस तथा रूसी आदि थे, इनके लिए सेटलमेंट हाऊस खोला गया। बालक एवं बालिकाओं के लिए दैनिक नर्सरी एवं किंडर गर्छन स्थापित किए गए। महिलाओं के लिए 1889 में न्यूयार्क में कॉलेज सेटेलमेंट 1892 में बोस्टन में तथा 1894 में शिकागो कॉमर्स की स्थापना की गई हेनरी स्ट्रीट सेटेलमेंट की स्थापना भी 1894 में न्यूयॉर्क में की गई। इन संस्थाओं का निर्माण सामाजिक तथा सामूहिक सार हेतु किया गया। इन सभी में सेटेलमेंट हाउस के लोगों का सर्वांगीण विकास हुआ। 








सामाजिक सुरक्षा काल


अमेरिकी संविधान ने एक ऐसे संविधान का निर्माण किया था जिसमें समाज कल्याण के लिए कोई स्थान नहीं था और इस समय की स्थिति ऐसी थी जब संपूर्ण अमेरिका महान मंदी की स्थिति से गुजर रहा था। बहुत बड़ी संख्या में बेकार व्यक्ति द्वारा निजी कल्याण संस्थाओं से सहायता की अपेक्षा की आने लगी। कुछ स्थानीय स्तर एवं संस्थाओं द्वारा इन क्षेत्रों में कार्य करना प्रारंभ कियाकिंतु समस्या इतनी गंभीर बी कि इन संस्थाओं के सभी वित्तीय संसाधन समाप्त हो गए। इन परिस्थितियों में अमेरिका कांग्रेस ने 1932 में आपातकालीन सहायता निर्माण अधिनियम को पारित किया। इस अधिनियम के अधीन पुनर्निर्माण वित्त निगम को राज्यों, काउन्टियों और शहरों को सहायता कार्य तथा जन कार्य सहायता परियोजनाओं को बाँटने का अधिकार प्रदान किया गया। 1933 में संघीय आपातकालीन सहायता अधिनियम पारित किया गया। इस अधिनियम के अंतर्गत अल्प अवधि वाली ऋण की व्यवस्था को समाप्त कर इसके स्थान पर समाज कल्याण हेतु संघीय उत्थायित्व वाली व्यवस्था का निर्माण किया गया। 








निर्धनता उन्मूलन काल


निर्धनता उन्मूलन कार्यक्रम को 1961 के बाद प्रारंभ किया गया जिसका उद्देश्य निर्धनता का उन्मूलन करना था। अमेरिका के समाज वैज्ञानिकों द्वारा इस ओर ध्यान दिया गया और इस कार्यक्रम को प्रारंभ किया गया। इस प्रकार से संघीय सरकार द्वारा इन कार्यक्रमों को चलाया गया। इसके अंतर्गत समयसमय पर कानूनों में सुधार किया गया। 1961 मे क्षेत्र विकास अधिनियम, 1962 में जनशक्ति विकास एवं प्रशिक्षण अधिनियम तथा 1964 में आर्थिक अवसर अधिनियम पारित किए गए जिससे आर्थिक अवसर अधिनियम निर्धनता उन्मूलन की दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण है और इसके अधीन नगरीय एवं ग्रामीण सामुदायिक क्रिया कार्यक्रम युवा कार्यक्रम, सेवायोजन एवं निवेशों के लिए कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धनता उन्मूलन के विशिष्ट कार्यक्रम तथा कार्य अनुभव संबंधी कार्यक्रम चलाए गए।