सामाजिक गतिशीलता की विशेषताएं - Features of social mobility

 सामाजिक गतिशीलता की विशेषताएं - Features of social mobility


गतिशीलता की निम्नलिखित विशेषताएं इस प्रकार हैं - 


1. सार्वभौमिकता- 

सामाजिक गतिशीलता प्रत्येक समाज की विशेषता रही है। फर्क केवल इतना है कि परंपरागत समाजों में इसकी गति धीमी होती है, जबकि आधुनिक समाज में इसकी गति तेज होती है। धीमी गति व तेज गति होने का भी कारण है। परंपरागत समाजों में विज्ञान व प्रद्योगिकी का विकास न होने के कारण समाज धर्म व परंपरा से अधिक जुड़ा होता है, इसलिए ऐसे समाजों में सामाजिक गतिशीलता की गति धीमी होती है। आधुनिक समाजों में विज्ञान व प्रद्योगिकी का विकास व महत्व अधिक होता है, इसलिए यहां सामाजिक गतिशीलता की गति तेज होती है।


2. आधुनिक समाज की विशेषता 


सामाजिक गतिशीलता को आधुनिक समाजों की विशेषता कहा जाता है। इसका अभिप्राय यह नहीं है कि प्राचीन या परंपरागत समाजों में यह नहीं पाया जाता।

इसका तात्पर्य यह है कि आधुनिक समाज में विज्ञान व प्रद्योगिकी का महत्व होने के कारण व्यक्तिगत गुण, सामाजिक अवसर, स्पर्धा आदि का महत्व अधिक होता है। व्यक्ति अपनी सफलताओ व सुविधा के आधार पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर, एक पद से दूसरे पद पर, एक पैसे से दूसरे पेसे पर जाता है। यही आधुनिक समाजों की विशेषता सामाजिक गतिशीलता है।



3. मानवीय क्रियाकलाप द्वारा निर्मित


इस विशेषता का उल्लेख सोरोकिन ने किया है। आपके शब्दों में "मानव क्रियाकलाप द्वारा बनाई या रूपांतरित किसी भी चीज में एक सामाजिक स्थिति से दूसरी सामाजिक स्थिति में होने वाले परिवर्तन को सामाजिक गतिशीलता कहते हैं। इस तरह एक इंटरमीडिएट विद्यार्थी का स्नातक होना सामाजिक गतिशीलता है।


4. सामाजिक परिवर्तन की अभिव्यक्ति- 


जब सामाजिक संरचना सामाजिक संबंधों के प्रतिमान में कोई हेर फेर होता है, तो उसे सामाजिक परिवर्तन कहा जाता है, परंतु जब सामाजिक संरचना की किसी इकाई की स्थिति में किसी प्रकार का परिवर्तन होता है, तो उसे सामाजिक गतिशीलता कहा जाता है। इस प्रकार सामाजिक गतिशीलता सामाजिक परिवर्तन को दर्शाता है।


5. व्यक्ति, वस्तु एवं मूल्य से संबंधित 


एक व्यक्ति की स्थिति में बदलाव गतिशीलता है। जैसे एक साधारण खिलाड़ी का राष्ट्रिय खिलाड़ी बन जाना। किसी खास वस्तु की उपयोग के दायरे में बढ़ोतरी होना, सामाजिक गतिशीलता है।