दुर्गाबाई देशमुख समिति (1958-89) - Durgabai Deshmukh Committee (1958-89)
दुर्गाबाई देशमुख समिति (1958-89) - Durgabai Deshmukh Committee (1958-89)
महिला शिक्षा की समस्याओं तथा उनके समाधान करने के उपायों पर विचार करने के लिए श्रीमति दुर्गाबाई देशमुख की अध्यक्षता में सन् 1958 में राष्ट्रीय महिला शिक्षा समिति का गठन किया गया जो दुर्गाबाई देशमुख समिति के नाम से जानी जाती है। इस समिति का मुख्य उद्देश्य स्त्री शिक्षा के प्राथमिक एवं माध्यमिक क्षेत्र में सुधार संबंधी सुझाव प्रस्तुत करना था। इस समिति ने जनवरी 1959 में अपना प्रतिवेदन सरकार के समझ प्रस्तुत किया। समिति ने निम्न सुझाव दिये -
• छात्राओं की शिक्षा की समस्या को विशेष समस्या के रूप में लिया जाये।
• भारत सरकार को एक निश्चित अवधि में स्त्री शिक्षा का विकास करने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले।
• ग्रामीण क्षेत्रों में स्त्री शिक्षा के प्रसार के लिए विशेष प्रयास किये जाना चाहिए।
• केंद्रीय स्तर पर राष्ट्रीय महिला शिक्षा परिषद का गठन किया जाये जो स्त्रियों की समस्याओं पर विचार करके नीतियाँ बनाये।
• पुरुष एवं महिला की शिक्षा में विद्यमान अन्तर को यथाशीघ्र कम किया जाये।
• राज्यों में स्त्री शिक्षा के विकास एवं प्रसार हेतु राज्य महिला शिक्षा परिषद की स्थापना की जाये।
• भारत सरकार को सभी राज्यों के लिए स्त्री शिक्षा के विस्तार की नीति निर्धारित करनी चाहिए तथा उसके लिए आवश्यक धन राशि प्रदान करनी चाहिए।
इस समिति के सुझावों को स्वीकार करते हुए शिक्षा मंत्रालय ने 1965 में राष्ट्रीय महिला शिक्षा परिषद का गठन किया। इस परिषद का मुख्य कार्य बालिकाओं की शिक्षा में आ रही समस्याओं को हल करना तथा स्त्री शिक्षा के प्रसार तथा उनमें सुधार हेतु नीतियों कार्यक्रमों व प्राथमिकताओं से सम्बन्धित सुझाव देना है। यह परिषद समय-समय पर स्त्री शिक्षा की प्रगति का मूल्यांकन करके नवीन कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करेगी। इसके अतिरिक्त परिषद समय समय पर सर्वेक्षण विचार गोष्ठीयों तथा अनुसंधान कार्यक्रमों के आयोजन की व्यवस्था भी करती है।
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