दुर्गाबाई देशमुख समिति - Durgabai Deshmukh Committee

दुर्गाबाई देशमुख समिति - Durgabai Deshmukh Committee


महिला शिक्षा की समस्याओं तथा उनका समाधान करने के उपायों पर विचार करने के लिए 1958 में भारत सरकार ने दुर्गाबाई देशमुख की अध्यक्षता में राष्ट्रीय महिला शिक्षा समिति का गठन किया जिसे समिति की अध्यक्षा के नाम पर दुर्गाबाई देशमुख समिति कहकर भी पुकारा जाता है। इस समिति का प्रमुख कार्य महिला शिक्षा से संबंधित विभिन्न विषयों का अध्ययन करके उनके समाधान हेतु सुझाव देना था। समिति ने जनवरी 1959 में अपना प्रतिवेदन भारत सरकार के सम्मुख प्रस्तुत किया। समिति के द्वारा किए गए कुछ सुझाव निम्नलिखित थे-


1. भारत सरकार को कुछ समय के लिए महिला शिक्षा को एक विशिष्ट समस्या के रूप में स्वीकार करना चाहिए ।


2. भारत सरकार को एक निश्चित अवधि के अंतर्गत निश्चित योजना के अनुरूप महिला शिक्षा का विकास करने का भार अपने ऊपर लेना चाहिए।


3. भारत सरकार को समस्त राज्यों के लिए महिला शिक्षा के विस्तार की नीति निर्धारित करनी चाहिए तथा इस नीति के क्रियान्वयन के लिए राज्यों को आवश्यक धनराशि प्रदान करनी चाहिए


4. ग्रामीण क्षेत्रों में महिला शिक्षा के प्रसार के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए।


5. पुरुषों तथा स्त्रियों की शिक्षा में विद्यमान अंतर को यथाशीघ्र समाप्त करने के प्रयास किए जाने चाहिए।


6. महिला शिक्षा की समस्या पर विचार करने के लिए राष्ट्रीय महिला शिक्षा परिषद नामक पृथक इकाई का गठन करना चाहिए। 


7. महिला शिक्षा के प्रसार हेतु राज्यों में लड़कियों तथा महिलाओं की शिक्षा की राज्य परिषदें गठित करनी चाहिएँ।


दुर्गाबाई देशमुख समिति के सुझाव को स्वीकार करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 1965 में राष्ट्रीय महिला शिक्षा परिषद का गठन किया। इस परिषद का प्रमुख कार्य लड़कियों व महिलाओं की शिक्षा से संबंधित समस्याओं के निराकरण हेतु तथा स्त्री शिक्षा के प्रसार एवं उसमें सुधार हेतु नीतियों कार्यक्रमों व प्राथमिकताओं से संबंधित सुझाव देना है। यह परिषद समय-समय पर स्त्री शिक्षा की प्रगति का मूल्यांकन करके भावी कार्यक्रमों की रूपरेखा भी प्रस्तुत करती है। महिला शिक्षा की समस्याओं पर विचार करने के लिए परिषद समय-समय पर सर्वेक्षण, विचार गोष्ठियों तथा अनुसंधान कार्यक्रमों के आयोजन की व्यवस्था भी करती है।